पर्वतीय क्षेत्रों में बसने वाले संताल जनजाति के जिज्ञासु लोग अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण करते हैं। उनकी जीवनशैली, परंपराएं और विश्वासों को कविता में जीवंत रूप से दर्शाया गया है। संताल की कविता स्पष्ट भाषा का प्रयोग करती है, जो उनके दैनिक अनुभवों और भावनाओं को बड़े ही प्रभावशाली ढंग से व्यक्त करता है।
उनकी कविताओं में प्रकृति, प्यार, युद्ध और भक्ति के विषय प्रमुख हैं। प्रत्येक पंक्ति एक समृद्ध चित्रण प्रदान करती है, जो संताल की जीवनदर्शन को समझने का मार्ग प्रशस्त more info करती है।
प्रेम की चमक, कविता में
शायरी में प्यार का रंग, एक अद्भुत प्रस्तुति है. मन की मधुर शब्दों में, प्रेम का सागर दिखाई देता है. हर ताल्लुक में मोहब्बत समाया होता है जो प्रेमियों को एक साथ लाता है .
- प्रेम का वर्णन
- क़वियों के शब्दों में मोहब्बत
भावनाओं का वर्णन
मानव अनुभव अत्यंत समृद्ध और बारीक होता है। हमारी भावनाएँ हमें सकारात्मक बनाती हैं, और इनकी समझ प्राप्त करना हमेशा से ही मानवता का एक प्रमुख प्रयास रहा है।
विभिन्न प्रकार की भावनाएँ हमारे अंदर उत्पन्न होती हैं, और इनकी चर्चा हमेशा ही एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला विषय रहा है।
- करुणा
- उदासी
- आनंद
कविता में प्रकृति की छाप
प्रकृति एक सौंदर्यशाली दृश्य है जिसकी विस्तृतता को कवि जंगल, फूलों के मैदान, नदियाँ और पहाड़ इस सबका अद्भुत समावेश है।प्रकृति का यह स्वरूप कवियों को अपने लेखन में प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित करता है।
- कविता में प्रकृति की उपस्थिति
- {प्रेम, आशा और दुःख के भावों को दर्शाने वाली प्रकृतिप्रकृति का जीवन में महत्व
आनंद से गीत है धरती माँ का
पृथ्वी मां की प्यार एक अनमोल है । इस प्यार को गाना हमारी जिम्मेदारी है। हमें गुन गायें
धरती माँ का. इस प्यार को सदा जीवित रखना चाहिए ।
धरती मां के भक्ति में हमें गाना चाहिए।
* दिन में
* भक्ति से
* पुराने गीत
जीवन की कथा शयरी में
पहले से ही आबादी के दिल में बस गया है भावना. यह शब्दों में {व्यक्तप्रकाशित. जनजीवन की कहानी शयरी में {उपयोगपाठ. यह सांस्कृतिक का दर्शन है.
यह पसंद है की जनजीवन की स्वर शयरी में बेहतरीन.